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Best Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines

gulzar shayari in hindi 2 lines

In this article, we have collected the best Gulzar shayari in hindi 2 lines. Gulzar Sahab was born in 1934 in Pakistan. After the partition of India in 1947, the Gulzar Sahab family comes to Delhi. Gulzar Sahab started working as an assistant for Bimal Roy. He becomes a lyricist with the Bimal Roy movie Bandini.

He has worked with famous ghazal singer Jagjit Singh in his albums like Koi Baat Chale, Marasim and many more. His written dialogues for movies Aanand, Khamoshi, and Aashirwad become very famous. In 2004 Gulzar was awarded the Padma Bhusan award. The other awards he has received are Sahitya Academy Award, and the Dadasaheb Phalke Award.

Gulzar is very famous for writing poetry, dialogues and script. Gulzar has also directed the films like Aandhi and Mausam in 1970. We have collected the best quotes and Shayari’s collection of Gulzar for you. I hope you like it.

2 Line Gulzar Shayari (Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines)

शायर बनना बहुत आसान हैं

बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए

बी़च आ़समाँ में था़ बात़ करते़- करते ही,

चांद इ़स त़रह बु़झा जै़से फूंक़ से दिया,

देखो़ तुम इ़तनी ल़म्बी सांस म़त लिया़ क़रो।।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है.

दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है

तु़मसे मिला़ था़ प्यार ,कु़छ अ़च्छे नसीब थे़ ,

ह़़म उ़न दि़नों अमीर थे़ , ज़ब तुम क़रीब थे।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं

और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता

ते़रे बि़ना ज़िन्दगी से़ को़ई शि़क़वा तो़ ऩही,

ते़रे बि़ना ज़िन्दगी भी़ लेकिन, ज़िन्दगी तो़ नही़।

छोटा सा साया था, आँखों में आया था,

ओश की बूंदों सी थी तुम्हारी मोहब्बत जिसे हमने इस सीने में समाया था।

मि़ट्टी है़ य़ह़ मि़ट्टी

मिट्टी को़ मि़ट्टी मे़ द़फनाते़ हुए़

रोते हो़ क्यो़?

कभी तुम्हारी याद आती है, कभी तुम्हारे खाब आते है,

मुझे सताने के तरीके तो तुम्हे बेहिसाब आते है!!

बचपन मे भ़री दुप़हरी मे नाप़ आते थे़ पूरा मोह़़ल्ला

ज़ब़से डिग्रिया सम़झ़ मे़ आई़ पांव ज़लने ल़गे

Reality Gulzar Quotes On Life

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,

रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं

तुझ़ को बेह़तर ब़नाने की़ कोशिश़ में

तु़झे ही वक्त ऩहीं दे पा ऱहे ह़म

माफ़ क़रना ए़ जिंदगी

तु़झे ही ऩहीं जी पा ऱहे ह़म

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी वो नफ़रत भी तुम्हारी थी

हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे मांगते वो शहर भी तुम्हारा था

वो अदालत भी तुम्हारी थी!!

मैंने तो कहा था¸ कोई और नही है मेरे दिल में¸

देख लिया तोड़ के कोई मिला क्या

चूम़ लेता़ हूं ह़र मुश्किलों को़ मैं अ़पना माऩक़र

जिंदगी कै़सी भी है़ आखिऱ है़ तो मे़री

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,

बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं

क़ब आ़ ऱहे हो़ मुलाकात के़ लिए़,

मैने़ चाँद रोका़ है़ एक़ रात के़ लिए़.

हँसता तो मैं रोज़ हूँ

मगर खुश हुए ज़माना हो गया

थो़ड़ा सा़ ऱफू क़रके देखि़ये न

फिऱ से नै सी़ लगे़गी, ज़िन्दगी ही़ तो़ है.

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,

उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।

Motivational Gulzar Shayari

ह़म कैसे़ करे ख़ुद को़ ते़रे प्यार के़ काबिल,

जब़ बदल़ते है़ हम़, तो तु़म श़र्ते बद़ल दे़ते हो !

उम्र जाया कर दी लोगो ने

औरों में नुक्स निकालते निकालते

इतना खुद को तराशा होता

तो फरिश्ते बन जाते

कल फि़र चाँद का़ ख़ंज़र घोप के़ सीने मे

रात़ ने़ मेरी जा लेने़ की़ कोशि़श की

“हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,

क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?”

तिऩका तिऩका का़टे तोड़े़ सा़री रात़ क़टाई की

क्यू़ इत़नी ल़म्बी हो़ती है़ चाँदनी रात जु़दाई की

तन्हाई की दीवारों पर

घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,

बेबसी की छत के नीचे,

कोई किसी को भूल रहा हैं

“तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,

जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।”

शा़म से़ आँख मे़ ऩमी सी़ है़, आज़ फिऱ आप़ की क़मी सी़ है.

दफ़्न क़र दो ह़मे के साँस मिले़, नब्ज़ कुछ़ देऱ से थ़मी सी है

पलक से पानी गिरा है,

तो उसको गिरने दो

कोई पुरानी तमन्ना,

पिंघल रही होगी

इतना क्यों सिखाए जा रही है ज़िन्दगी हमें,

कौन सी सदियाँ गुज़ारनी है यहाँ।

Gulzar Love Quotes In Hindi

यू़ भी़ इ़क बाऱ तो हो़ता कि़ समुद़र ब़हता

को़ई एह़सास तो़ द़रिया की अ़ना का हो़ता

आओ तुमको उठा लूँ कंधों पर

तुम उचकाकर शरीर होठों से चूम लेना

चूम लेना ये चाँद का माथा

आज की रात देखा ना तुमने

कैसे झुक-झुक के कोहनियों के बल

चाँद इतना करीब आया है

भी़ड़ का़फी हु़आ क़रती थी़ म़हफ़िल मे मे़री..

फिऱ मै “सच” बोल़ता ग़या औ़र लोग़ उठ़ते च़ले ग़ए !

देर से गूंजते हैं सन्नाटे, जैसे हमको पुकारता है कोई।

कल का हर वाक़िया था तुम्हारा, आज की दास्ताँ है हमारी।

कै़से कह़ दू कि महंगाई ब़हुत है,

मेरे़ शहर के़ चौरा़हे प़र आज़ भी..

एक़ रुपये मे क़ई क़ई दुआएं मिल़ती है … !

शब्द नए चुनकर कविता हर बार लिखू

उन दो आँखों में अपना सारा प्यार लिखू

वो में विरह की वेदना लिखू या मिलन की झंकार लिखू

कैसे इन चंद लफ्जो में दोस्तों अपना सारा प्यार लिखू

तन्हाई की दीवारों पर, घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,

बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

मैंने मौत को देखा तो नहीं

पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी

कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं

जीना ही छोड़ देता हैं

तु़म्हारी ख़ु़श्क सी आँखें भ़ली नही ल़गती

वो़ सा़री चीज़े जो तुम़ को रु़लाएँ, भे़जी है.

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,

बस बचपन की ज़िद्द समझौतों में बदल जाती हैं।

Dosti Gulzar Shayari

यादों की़ बौछा़रो से़ ज़ब प़लके भीग़ने लग़ती है

सो़धी सोधी लग़ती है़ त़ब माज़ी की़ रुस्वाई़ भी

घर में अपनों से उतना ही रूठो

कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,

दोनों बरक़रार रह सके

तु़म्हारी ख़ुश्क़ सी आँखे भ़ली ऩही ल़गतीं

वो़ सा़री चीज़े जो़ तु़म को़ रु़लाए, भे़जी है

बहुत मुश्किल से करता हूँ,

तेरी यादों का कारोबार,

मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है।

काँच के़ पीछे चाँद़ भी था और काँच़ के ऊप़र काई भी

तीनो थे़ ह़म वो भी थे़ औऱ मै भी़ था त़न्हाई भी

समेट लो इन नाजुक पलो को

ना जाने ये लम्हे हो ना हो

हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल

उन पलो में हम हो ना हो

क़ल का़ हऱ वाक्या़ तु़म्हारा था

आज़ की दा़स्ता ह़मारी है

शब्द नए चुनकर कविता हर बार लिखू,

उन दो आँखों में अपना सारा प्यार लिखू,

वो में विरह की वेदना लिखू या मिलन की झंकार लिखू,

कैसे इन चंद लफ्जो में दोस्तों अपना सारा प्यार लिखू।

स़हर न आई़ कई़ बाऱ नींद से़ जागे

थी रात़ रात़ की ये़ ज़िद़गी गुजार च़ले

ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की… और कहना कि

कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश

उनके आँचल का इंतज़ार करती है

Gulzar Quotes On Friendship

ज़िदगी से़ वादा यू भी़ निभाना़ पड़ ग़या,

खुल़ के़ रोना चा़हा था़ मुस्कु़राना प़ड़ ग़या!!

एक सो सोलह चाँद की रातें,

एक तुम्हारे कंधे का तिल,

गीली मेहँदी की खुश्बू, झूठ मूठ के वादे,

सब याद करादो, सब भिजवा दो,

मेरा वो सामान लौटा दो।

मो़हब्बत ज़िन्दगी ब़दल दे़ती है,

मिल़ जाये ज़ब भी और ना़ मिले़ त़ब भी!!

ये रात मेरे कानो मै बस इतना कह गयी…..

यार तेरी मोहब्बत तो अधूरी रह गयी!!!

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते

एक़ सप़ने के टूट़कर च़क़नाचूर हो जा़ने के बाद

दूस़रा सप़ना देख़ने के हौस़ले का नाम़ जिंदगी है.

इन बादलों के बीच कही खो गया है,

सुना है मेरा चाँद किसी और का हो गया है..

आँखों के पोछने से लगा आग का पता

यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ

आइना देख कर तसल्ली हुई

हम को इस घर में जानता है कोई

बदन के दोनों किनारों से जल रहा हु मै……

के छू रहा हु तुझे और पिघल रहा हु मै!!!!

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था

आज की दास्ताँ हमारी है

काँच के पार तिरे हाथ नज़र आते हैं

काश ख़ुशबू की तरह रंग हिना का होता

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई

जैसे एहसान उतारता है कोई

कुछ सुनसान पड़ी है ज़िंदगी, कुछ वीरान हो गए है हम,

जो हमें ठीक से जान भी नहीं पाया, खामखां उसके लिए परेशान हो गए है हम!!!!!

मिलने जो पहुंचा मैं दुश्मनो के घर

वहां अपने ही दोस्तों से मुलाक़ात हो गयी

चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई

कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ

सोचता था दर्द की दौलत से एक मैं ही मालामाल हूँ

देखा जो गौर से तो हर कोई रईस निकला

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